यह पहलकदमी गुरू नानक पातशाह के 550वें प्रकाश वर्ष के अवसर पर उनकी दाई माई दौलतां को सच्ची श्रद्धाँजलि होगी – बलबीर सिद्धू
‘स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाले स्टाफ को मिलेगी प्रेरणा’
चंडीगढ़, 6 जुलाई (विश्ववार्ता)-
पंजाब सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार क्ल्याण विभाग द्वारा 37 जच्चा-बच्चा अस्पतालों का नाम पहले पातशाह जगत गुरू श्री गुरु नानक देव जी के जन्म के समय उनकी संभाल करने वाले दाई माई दौलतां के नाम पर ‘माई दौलतां जच्चा-बच्चा अस्पताल’ रखने का फैसला किया गया है।
राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए बताया कि स्वास्थ्य विभाग का यह अनूठा कदम श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व वर्ष में दाई माई दौलतां को उपयुक्त श्रद्धाँजलि होगी। उन्होंने कहा कि माई दौलतां वह भाग्यशाली मनुष्य थी जिनको जगत गुरू बाबा नानक जी के सबसे पहले दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि साहिब श्री गुरु नानाक देव जी की आयु के प्राथमिक कुछ महीनों में हुए पालन-पोषण में माई दौलतां का बहुत बड़ा योगदान है जिसको पहचा प्रदान करते हुए पंजाब सरकार ने यह फैसला किया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार के इस फैसले से विभाग के प्रशिक्षण प्राप्त स्टाफ नर्सें और ए.एन.एम. व अन्य स्टाफ द्वारा निभाई जा रही बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका को भी उपयुक्त पहचान मिलेगी और वह और भी जोश, उत्साह और निष्ठा से काम करेंगे।
स. सिद्धू ने बताया कि राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इस सम्बन्धी भेजे गए प्रस्ताव को मंजूर करते हुए कहा है कि पंजाब में बनाए जा रहे ‘माई दौलतां जच्चा-बच्चा अस्पताल’ माताओं और उनके नवजात बच्चों के स्वास्थ्य और संभाल के क्षेत्र में नया मील का पत्थर साबित होंगे। पंजाब के मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को हिदायत की है कि इन अस्पतालों के निर्माण और कार्य कुशलता सम्बन्धी समय-समय पर समीक्षा की जाये जिससे निश्चित किए गए लक्ष्य हासिल किये जा सकें।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की रहनुमाई में शुरू किये गए इस प्रोजैक्ट के अंतर्गत राज्य में कुल बनने वाले 37 ‘माई दौलतां जच्चा-बच्चा हस्पताल’ में से 26 पहले ही मुकम्मल हो चुके हैं जबकि बाकी रहते हस्पताल भी एक साल के दौरान मुकम्मल हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि साल 2017 के बाद लगभग 39.50 करोड़ रुपए की लागत से 9 जच्चा-बच्चा हस्पतालों का निर्माण कार्य मुकम्मल किया गया है। (दसूहा, समाना, मलेरकोटला, खन्ना, तरनतारन, पठानकोट, फतेहगढ़ चूडिय़ां, भाम और राजपुरा) और लगभग 73 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले संगरूर, नकोदर, मोगा, फतेहगढ़ साहिब, गोन्याना, मलोट, गिद्दड़बाहा, फगवाड़ा, खरड़, बुढ्ढलाडा और जगरावां में 11 माई दौलतां जच्चा-बच्चा हस्पताल निर्माणाधीन हैं।