गहराते जल संकट के लिए पंजाब और किसानों की मदद करे केंद्र सरकार – संत सीचेवाल
सुल्तानपुर लोधी, 8 दिसंबर( विश्व वार्ता)संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र के दौरान, राज्यसभा सदस्य और पर्यावरणविद् संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने पंजाब के जल संकट की चिंता को उठाया और केंद्र सरकार से पंजाब और इसके किसानों की मदद करने की अपील की। चल रहे सत्र के दूसरे दिन संत सीचेवाल ने पंजाब में गहराते जल संकट की चेतावनी देते हुए गुरबाणी का हवाला देते हुए कहा कि देश का अन्न से पेट भरने वाला पंजाब अब पानी के संकट से जूझ रहा है.
उन्होंने केंद्रीय भूजल बोर्ड की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि यह रिपोर्ट पांच साल पहले आई थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2039 तक पंजाब में भूजल स्तर 300 मीटर यानी 1000 फीट तक और गहरा हो जाएगा, जहां भारी धातुओं की संभावना है। उन्होंने कहा कि पंजाब में 17 साल के लिए ही पानी बचा है।
संत सीचेवाल ने नीति आयोग की वर्ष 2018-19 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए राज्यसभा में कहा कि स्वच्छ पेयजल की कमी के कारण हर साल करीब दो लाख लोगों की मौत हो रही है. इसी प्रकार नीति आयोग द्वारा वर्ष 2020 में जारी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2030 तक देश की कुल जनसंख्या का 40 प्रतिशत पेयजल से वंचित हो जाएगी। पंजाब के बारे में आंकड़े पेश करते हुए संत सीचेवाल ने कहा कि राज्य में 80 फीसदी कृषि भूमिगत जल से की जा रही है और केवल 20 फीसदी कृषि नहर के पानी से की जा रही है. नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब के 133 ब्लॉक में से 109 ब्लॉक डार्क जोन में तब्दील हो गए हैं. इस समय भारत के लगभग 21 राज्यों के 10 करोड़ लोग पेयजल के संकट का सामना कर रहे हैं।
संत सीचेवाल ने वर्ष 2019 में तमिलनाडु में जल संकट का जिक्र करते हुए कहा कि वहां के जल संकट को दूर करने के लिए 50 बोगियों वाली विशेष ट्रेन चलानी पड़ी. पानी की इस गंभीर समस्या को ध्यान में रखते हुए इसकी बर्बादी को रोकने के लिए ठोस उपाय किए जाने चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियों और वर्तमान पीढ़ियों को पीने का पानी मिल सके।