खाद्य एवं औषधि विभाग का क्लर्क रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार, मांगे थे 5000 रुपये
लाइसेंस जारी करने की एवज में मांग रहा था घूस
चण्डीगढ़, 4 मार्च- हरियाणा स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के लिपिक को 5000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। फरीदाबाद में तैनात विभाग का यह बाबू खाद्य सुरक्षा लाइसेंस जारी करने के नाम पर रिश्वत मांग रहा था।
विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि गिरफ्तार किए गए कर्मचारी की पहचान मंजीत के रूप में हुई है, जो फरीदाबाद में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में क्लर्क के पद पर तैनात है। मिली शिकायत के अनुसार, आरोपी ने शिकायतकर्ता को खाद्य सुरक्षा लाइसेंस जारी करने की एवज में रिश्वत की मांग की थी।
रिश्वत नहीं देने वाले शिकायतकर्ता ने विजिलेंस ब्यूरो को इस बाबत सूचना दी जिसकी टीम ने रेड करते हुए आरोपी क्लर्क को पांच हजार रुपये की घूस लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया।
आरोपी के खिलाफ फरीदाबाद में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज करते हुए आगे की जांच की जा रही है।
इस बीच, ब्यूरो ने भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत 2015 में दर्ज एक मामले में एक आरोपी को न्यायालय से सजा दिलवाने में सफलता हासिल की है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, गुरुग्राम की अदालत ने पूरन खन्ना, प्राइवेट पर्सन को दोषी ठहराते हुए 4 साल जेल की सजा सुनाई। अदालत ने दोषी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
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