कौन बनेगा जालंधर का सिकंदर, फैसले की घडी आज

39
Advertisement

कौन बनेगा जालंधर का सिकंदर, फैसले की घडी आज

किसके सिर सजेगा ताज, उम्मीदवारों की धडक़ने हुई तेज

नतीजों से बदल सकता है पंजाब का पूरा राजनीतिक समीकरण

चंडीगढ़, 13 मई (विश्ववार्ता) जालंधर उपचुनाव के परिणामों को लेकर एक बार फिर से नेताओँ व आम लोगों के दिलों की धडक़नें आज तेज हो गई हैं क्योंकि आज जालंधर लोकसभा चुनाव का नतीजा सामने आ रहा है,आज पता चल जायेगा कि जांधर का सिंकदर कौन होगा। बात करे अगर पंजाब मे सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के लिए जहां यह चुनाव साख का सवाल है तो वहीं कल आने वाला नतीजा यह भी बताएगा कि कांग्रेस का पंजाब में पुनरुत्थान होगा या नहीं। वही देश की सबसे पुरानी क्षेत्रीय पार्टी शिरोमणि अकाली दल के लिए अस्तित्व का चुनाव है। पंजाब की राजनीति में किसका पलड़ा भारी होगा यह चुनाव इसकी भी तस्वीर दिखाएगा।
जालंधर लोकसभा सीट के चुनाव परिणाम से पंजाब का पूरा राजनीतिक समीकरण बदल सकता है। सत्ता में होने के बावजूद आप ने कांग्रेस से पूर्व विधायक रहे सुशील रिंकू पर दांव खेला है। आप के लिए यह चुनाव इसलिए भी साख का सवाल है, क्योंकि विधानसभा चुनाव-2022 में 92 सीटों पर विजयी पताका फहराने के बावजूद वह पिछले वर्ष अपना पहला संगरूर लोकसभा सीट का उपचुनाव हार गई थी। आप अगर जीतती है तो उसका लोकसभा में पुन: खाता खुल जाएगा। उल्लेखनीय है कि लोकसभा में आप का अभी कोई भी सांसद नहीं है।
जालंधर लोकसभा चुनाव की अगर बात करे मुकाबले तो आप, कांग्रेस, बीजेपी और अकाली–बसपा के बीच माना जा रहा है। लेकिन विश्ववार्ता को अलग अलग हल्को से मिली जानकारी के अनुसार आप और कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला माना जा रहा है जिसमे कोई भी पार्टी बाजी मार सकती है। विश्ववार्ता को मिली सूचना के अनुसार आप और कांग्रेस के बीच बेहद ही कम वोटो से किसी भी उम्मीदवार के सिर पर जालंधर सीट का ताज सज सकता है अकाली दल-बसपा और बीजेपी मे तो तीसरे व चौथे स्थान पर आने की लडाई है।
बता दें कि कांग्रेस के सांसद संतोख सिंह चौधरी के निधन के बाद जालंधर लोकसभा (सुरक्षित) सीट खाली हो गई थी जिस कारण उनकी खाली सीट को लेकर राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवार अपना लक आजमा रहे हैं। सांसद संतोख सिंह चौधरी का जनवरी महीने में फिल्लौर में कांग्रेस की ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ के दौरान दिल का दौरा पड़ा था।
जालंधर लोकसभा उपचुनाव मे आप’ पार्टी ने सुशील रिंकू को मैदान में उतारा है जिनका दलित समाज में अच्छा दबदबा है। सुशील रिंकू ने चुनाव प्रचार के दौरान ही कांग्रेस को छोड़ ‘आप’ का हाथ पकड़ा है। बता दें कि सुशील रिंकू पहले पश्चिमी सीट से विधायक रह चुके हैं। वही कांग्रेेस की तरफ से करमजीत कौर जो दिवंगत संतोख चौधरी की पत्नी है, भी कांग्रेस की ओर से चुनावी जंग में उम्मीदवार के तौर पर उतरी हैं करमजीत कौर पहली बार चुनाव लड़ रही है। इस जालंधर लोकसभा सीट पर देश की आजादी के बाद 14 बार कांग्रेस, 2 बार अकाली दल और 2 बार जनता दल जीत चुका है।
इसी चुनावी जंग में भाजपा की ओर से इंदर इकबाल सिंह अटवाल भी उतरे हैं जिन्होंने अकाली दल छोड़ भाजपा का हाथ थामा है। इंदर इकबाल अटवाल 2002 में विधायक रह चुके हैं। इंदर इकबाल अटवाल पूर्व स्पीकर और सीनियर नेता चरणजीत सिंह अटवाल के बेटे हैं। डॉ. सुखविंदर कुमार सुक्खी जो अकाली दल के मौजूदा विधायक हैं, जालंधर लोकसभा उपचुनाव में हो रहे कड़े मुकाबले में मैदान में उतरे हैं। बता दें कि सुक्खी बंगा से लगातार दूसरी बार विधायक हैं। अकाली दल से पहले यह बी.एस.पी. में थे।

Advertisement