चंडीगढ़ 29 नवंबर ( गुरप्रीत, विश्व वार्ता) हरियाणा के विभिन ज़िलों में कार्यरत कर्मचारी अपने अपने सूत्रों से हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज का प्रोग्राम पूछते फिरते हैं ताकि यदि श्री विज का काफिला उनकी तरफ आ रहा है तो पहले ही जुगाड़ कर लिया जाये। मूलभूत सुविधाओं कीतरफ अधिक ध्यान दिया जा रहा है। पुलिस स्टेशन में फालतू लोगों की मौजूदगी न हो, इसे प्राथमिकता से देखा जा रहा है।अब यह सब कुछ रहे गा कितने देर यह तो नहीं कहा जा सकता परन्तु फिलहाल रंगत बदली हुई है। वैसे देखा जाये तो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने वैसे तो स्वच्छ भारत, यातायात नियमों, महिला सुरक्षा व अन्य कई योजनाएं चला राखी हैं जिन के तहत सरकारी कर्मचारियों को कुछ हद्द तक ड्यूटीयां सौंप राखी हैं परन्तु देखने को मिल रहा है कि श्री मोदी से भी अधिक हरियाणा के “गब्बर” कारगर साबित हो रहे हैं। वैसे तो देखा जाये तो यह हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज का खौफ ही है जो राज्य में वे सभी विभाग हरकत में आ रखे हैं जो श्री विज के पास हैं। श्री मोदी ने स्वच्छ भारत का अभियान तो पिछले कुछ वर्षों से चला रखा है परन्तु अब जो करवाई श्री विज के विभागों में हो रही है उसे देखकर ऐसा लगता है कि पहले सरकारी विभाग केवल नाम के कारण ही स्वच्छता अभियान चलाते थे और असली हकीकत कुछ और ही है। गृह स्वास्थ्य एवं शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज “गब्बर” के खौफ से न केवल विभागों में अब असली स्वच्छता अभियान शुरू हुआ है बल्कि श्री मोदी सरकार के यातायात नियमों, महिला सुरक्षा व अन्य योजनाओं कि तरफ भी गंभीरता से ध्यान दिया जा रहा है। थानों और निगम में चल रही सफाई से वहां का माहौल पूरी तरह से बदला हुआ है और इन कार्यालयों में सालों से जमा हो राखी गंदगी से भी निजात मिल गयी है। असल में श्री विज ने पानीपत थाने पर छापा मारा और थाने का हाजिरी रजिस्टर चेक किया। एक महिला पुलिसकर्मी नहीं मिली तो उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। अपने पिछले कार्यकाल में स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर भी श्री विज ने पहले से ही अपना खौफ पैदा कर दिया था। कर्मचारियों की खिंचाई करना व उन्हें सस्पेंड करना उनके लिए बड़ी बात नहीं इसलिए कोई भी अधिकारी किसी प्रकार का जोखिम नहीं लेना चाहता।