“घर वापसी” सिर्फ “कानून वापसी” के बाद होगी-किसान नेता
ऐतिहासिक किसान आंदोलन का आज 46वां दिन
दिल्ली 11 जनवरी (विश्ववार्ता)
. प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के साथ सरकार की बातचीत में गतिरोध बरकरार रहने के बीच उच्चतम न्यायालय नए कृषि कानूनों को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं और दिल्ली की सीमा पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी याचिकाओं पर आज सुनवाई करेगा. केंद्र और किसान संगठनों के बीच सात जनवरी को हुई आठवें दौर की बाचतीच में भी कोई समाधान निकलता नजर नहीं आया क्योंकि केंद्र ने विवादास्पद कानून निरस्त करने से इनकार कर दिया जबकि किसान नेताओं ने कहा कि वे अंतिम सांस तक लड़ाई लड़ने के लिये तैयार हैं और उनकी “घर वापसी” सिर्फ “कानून वापसी” के बाद होगी.
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा आज की जाने वाली सुनवाई महत्वपूर्ण है क्योंकि केंद्र और किसान नेताओं के बीच 15 जनवरी को अगली बैठक निर्धारित है. शीर्ष न्यायालय को केंद्र सरकार ने पिछली तारीख पर बताया था कि उसके और किसान संगठनों के बीच सभी मुद्दों पर “स्वस्थ चर्चा” जारी है और इस बात की संभावना है कि दोनों पक्ष निकट भविष्य में किसी समाधान पर पहुंच जाएं. अदालत ने तब सरकार को भरोसा दिया था कि अगर वह उससे कहेगी कि बातचीत के जरिये समाधान संभव है तो वह 11 जनवरी को सुनवाई नहीं करेगी.