कृषि क़ानूनों के विरोध में जारी संघर्ष के चार महीने पुरे होने पर देशव्यापी भारत-बंद के आह्वान पर लुधियाना के उद्दोगिक मज़दूर संगठनों ने किया रोष-मार्च
लुधियाना,26 मार्च 2021 (राजकुमार शर्मा)- आज देशव्यापी बंद आह्वान पर लुधियाना के संगठनों टेक्सटाइल हौज़री कामगार यूनियन व कारखाना मज़दूर युनियन द्बारा लुधियाना के समराला चोंक पर रोष- प्रदर्शन व पैदल मार्च किया गया। इस रोष- प्रदर्शन के जरिए संगठनों ने मज़दूर-मेहनतकश विरोधी तीन कृषि क़ानून रद्द करने, बिजली संशोधन कानून रद्द करने, श्रम कानूनों में संशोधन रद्द करने व करोना की आड में लगाई जा रही पाबंदियां रद्द करने की माँग की।
रोष प्रदर्शन को टेक्सटाइल-हौज़री कामगार यूनियन के प्रधान राजविंदर सिंह व कारखाना मज़दूर यूनियन के प्रधान लखविंदर सिंह ने संबोधित किया। वक्ताओं ने मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ़ आक्रोश जाहिर करते हुए कहा कि नए कृषि कानूनों के लागू होने का सबसे बुरा असर मज़दूर वर्ग पर पडेगा, उन्हें मिलने वाला सरकारी राशन बंद हो जाएगा व बाज़ार में देशी-विदेशी पूँजीपतियों का कब्जा हो जाने पर सभी चीजों के दाम बढ़ जाएंगे। पहले ही सरकार ने श्रम कानूनों में संशोधन करके मज़दूरों को सभी हक्क-अधिकारों से वंशित करने की त्यारी कर ली है, कारखानों में छंटनी-तालाबंदी बढ़ती जा रही है। मौजूदा सरकार सारा देश देशी-विदेशी कारपोरेटों को वेचने के रस्ते पर चलते हुए निज्जीकरण की नितियां तेज़ कर रही है, कृषि कानून व नयां बिज़ली संशोधन कानून भी इसी का हिस्सा है। आज समाज का हर वर्ग भलें वह मज़दूर है या मुलाजिम, विद्दियार्थी व किसान, सरकार की जन-विरोधी नितियों से तसद है। मज़दूरों और अन्य मेहनतकशों के पास अब सड़कों पर उतर कर संघर्ष के सिवा और कोई रास्ता नहीं है।
वक्तायों ने कहा कि तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ़ जारी आंदोलन को कुचलने के लिए मोदी सरकार लोगों में संप्रदाइक मुद्दे भटकाने व फूट डालने की घटिया राजनिति कर रही है लेकिन लोगों की एकता के आगे कोई साजिश सफल न होते देख एकवार फिर से करोना का डर फैलाया जा रहा है। उन्होंने करोना के नाम पर जन-संघर्ष को कुचलने की सरकार की साजिश के खिलाफ़ जोरदार विरोध दर्ज कराया।