जैतो 6 (रघुनंदन पराशर)कोविड 19 को मात देने के अपने मिशन में लगी डॉ वीना लगातार उन महिलाओं तक पहुँच रही हैं, जिन में से बहुत सी आज भी सेनिटरी नैपकिन के बारे में अनजान हैं, वे नहीं जानती कि सेनिटरी पैड क्या होते हैं, इनका प्रयोग कैसे किया जाता हैं |डॉ वीना ने बताया कि ऐसी महिलाओं को पहले इस के बारे में विस्तार पूर्वक समझाना पड़ता हैं |उन्होंने आगे कहा कि उन्हें हैरानी होती हैं कि आज के आधुनिक भारत में हमारी बहु बेटियां, बहने गन्दा कपड़ा प्रयोग करती हैं जो राह चलते कहीं भी मिल जाये उन्हें सेनिटरी नैपकिन की जानकारी नहीं हैं या उन्हें खरीद कर लेने में झिझक महसूस होती हैं |
डॉ वीना ने बताया आज वह बठिंडा विकास मंच के प्रधान राकेश नरूला व वन्दना अरोड़ा के साथ कागज चुनने वाली महिलाओं की वस्ती में गई, वहाँ सफाई नाम की कोई चीज दिखाई नहीं दी चारो तरफ गंदगी और बदबू फैली हुई थी |धूल धूसरित वस्त्र पहने, बिना नहाये चारो तरफ कचरे के ढेर लगे उसी में खाना बना रहें थे |एक बात जो उसने देखी वह हमें बताई कि जो ख़ुशी महलो में नहीं दिखती वह ख़ुशी इस स्थिति में भ उन महिलाओं चेहरों पर दिखाई दी | |जब उन्हें सेनिटरी नैपकिन दिए तो वह पूछने लगी ये क्या हैं, क्या काम आते हैं यह सुन कर उन्हें हैरानी हुई कि बठिंडा जैसे महानगर में रहते हुये भी ये महिलाएं इतनी अनजान क्यों हैं? ज़ब हम इसकी तह तक जाते हैं तभी जान पाते हैं कि ये लोग शहर में फेंके गए कूड़ा कर्कट में से अपनी लाइफ को जिन्दा रखने के जुगाड़ में इतना व्यस्त होते हैं कि आधुनिकता इन्हें छू ही नहीं पाती |डॉ वीना ने कहा कि आज उसे इन लोगों से मिलकर जिंदगी की वास्तविकता का ज्ञान हुआ |
डॉ वीना ने राज्य और केंद्र सरकार से अपील की कि यदि आप सच में गरीबो के लिए कुछ करना चाहते हो तो फ़्री में बाँटना बंद करो लोगों को भिखारी ना बनायो, नागरिकों को रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ जैसी सुविधा उपलब्ध करवाए तभी हर नागरिक स्वावलम्बी बन सकेगा नहीं तो कटोरा पकड़ कर सरकार के आगे गिड़गिड़ाने का आदी हो जाये गा |