यह जानकारी हरियाणा के जनगणना संचालन निदेशालय ने जनगणना-2021 के लिए जन जागरूकता पैदा करने के लिए कुरुक्षेत्र में अन्तर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव में लगाए गए अपने स्टाल के दौरान दी ।
उन्होंने कहा कि जनगणना-2021 स्वतंत्रता के बाद से सोलहवीं जनगणना है और अब यह डिजिटल होने जा रही है। भारत में जनगणना के 150 साल के इतिहास में पहली बार, डेटा एक विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए मोबाइल ऐप के माध्यम से एकत्र किया जाएगा और प्रगणकों को सूचना एकत्र करने के लिए उनके मोबाइल फोन उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। प्रौद्योगिकी के उपयोग से जनगणना डेटा को तेजी से संसाधित किया जाएगा जिससे डेटा को समय पर जारी किया जा सकेगा। जनगणना लोगों की विभिन्न विशेषताओं पर विभिन्न प्रकार की सांख्यिकीय जानकारी का सबसे बड़ा एकल स्रोत है, जो देश के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए योजनाओं के निर्माण में काफी मदद करता है। जनगणना के आंकड़े निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए सीटों के आरक्षण, विकास के लिए योजना बनाने और धन का प्रावधान करने जैसी संवैधानिक आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करते हैं।
जनगणना स्टाल मेें विभिन्न जनगणना प्रकाशनों अर्थात प्रशासनिक एटलस, मकानों, घरेलू सुविधाओं और परिसंपत्तियों पर तालिका तथा प्राथमिक जनगणना सार 2011 प्रदर्शित किए गए। आगंतुकों को जनगणना प्रक्रिया के चरणों और इसके दौरान पूछे जाने वाले प्रश्नों के बारे में बताया गया। लोगों को इस व्यापक प्रशासनिक कवायद में भाग लेने व सहयोग करने तथा पूर्ण और सटीक जानकारी देकर राष्ट्र निर्माण की दिशा में योगदान देने के लिए प्रेरित किया गया।
जनगणना स्टॉल ने बड़ी संख्या में लोगों को आकर्षित किया, जिन्होंने एकत्र किए जा रहे विभिन्न आंकड़ों में गहरी दिलचस्पी दिखाई। ग्रामीणों को अपने गांव से संबंधित आंकड़ों को जानने में दिलचस्पी थी और छात्रों ने ‘सेन्सस इन्फो’ सॉफ़्टवेयर के माध्यम से विभिन्न प्रकार के मानचित्र तैयार करने में अपनी रुचि दिखाई। जनगणना संचालन निदेशालय, हरियाणा के अधिकारियों ने जनगणना वेबसाइट 222.ष्द्गठ्ठह्यह्वह्यद्बठ्ठस्
3.56 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की आवक
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि धान की कुल आवक में से सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा 64.13 लाख मीट्रिक टन से अधिक और मिलरों व डीलरों द्वारा 9.43 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की गई है।
उन्होंने बताया कि कुल आवक में से खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने 34.87 लाख मीट्रिक टन से अधिक, हैफेड ने 19.84 लाख मीट्रिक टन से अधिक, हरियाणा भंडागार निगम ने 9.37 लाख मीट्रिक टन से अधिक और भारतीय खाद्य निगम ने 4,725 मीट्रिक टन धान की खरीद की है।
विभिन्न जिलों की मंडियों में धान आवक की विस्तृत जानकारी देते हुए प्रवक्ता ने बताया कि अब तक जिला करनाल में सर्वाधिक 17.49 लाख मीट्रिक टन से अधिक, जबकि जिला कुरूक्षेत्र में 11.42 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की आवक हुई। इसी प्रकार, जिला अंबाला में 8.82 लाख मीट्रिक टन से अधिक, फतेहाबाद में 8.34 लाख मीट्रिक टन से अधिक, कैथल में 7.58 लाख मीट्रिक टन से अधिक, यमुनानगर में 7.28 लाख मीट्रिक टन से अधिक, सोनीपत में 2.64 लाख मीट्रिक टन से अधिक, सिरसा में 2.03 लाख मीट्रिक टन से अधिक, जींद में 1.90 लाख मीट्रिक टन से अधिक, पंचकूला में 1.61 लाख मीट्रिक टन से अधिक, पानीपत में 1.39 लाख मीट्रिक टन, पलवल में 1.21 लाख मीट्रिक टन से अधिक, हिसार में 1.20 लाख मीट्रिक टन, रोहतक में 36,947 मीट्रिक टन, फरीदाबाद में 14,148 मीट्रिक टन और मेवात में 8,653 मीट्रिक टन धान की आवक हुई है।
उन्होंने बताया कि हरियाणा की मंडियों में अब तक 2.69 लाख मीट्रिक टन से अधिक बाजरे की आवक हो चुकी है जबकि पिछले वर्ष अब तक 1.80 लाख मीट्रिक टन बाजरे की आवक हुई थी। बाजरे की कुल आवक में से सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा 2.67 लाख मीट्रिक टन से अधिक खरीद की गई है।