चंडीगड़, 25 जुलाई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के किसान विंग भारतीय किसान संघ की ओर से कृषि के संदर्भ में अध्यादेशों का खुल कर विरोध करने पर प्रतीकर्म देते हुए आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के प्रदेस अध्यक्ष और सांसद भगवंत मान ने फिर बादल परिवार को कटघरे में खड़ा करते कहा कि अब तो आरएसएस के किसान विंग ने भी अध्यादेशों के विरुद्ध स्टैंड ले लिया है, बादलों की जमीर कब जागेगी?
पार्टी हैडक्वाटर से जारी बयान के द्वारा भगवंत मान ने कहा कि आरएसएस से सम्बन्धित भारतीय मजदूर संघ की ओर से मोदी सरकार के तथाकथित खेती सुधार संशोधन का विरोध करना मायने रखता है। भगवंत मान ने कहा, ‘‘यह अध्यादेश लाए जाने के शुरुआती दिनों में भारतीय किसान संघ ने कुछ संदेह प्रकट किए थे। अब स्पष्ट रूप में विरोध करके भारतीय किसान संघ ने किसान और कृषि के साथ जुड़े सभी वर्गों के पक्ष में स्टैंड लिया है। हम पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि जो भी किसान-मजदूर जत्थेबंदी या राजनैतिक पार्टी मोदी सरकार के इन किसान, आढ़ती, मुनीम, पल्लेदार, खेत मजदूर, ट्रांसपोर्टर और पंजाब विरोधी अध्यादेशों का विरोध करेगी, आम आदमी पार्टी राजनीति से ऊपर उठ कर उसका समर्थन करती है, परंतु सवाल यह है कि पंजाब और किसानों का ‘मसीहा’ कहलवाने वाला बादल-परिवार इस मुद्दे पर कुफऱ क्यों तोल रहा है?’’
भगवंत मान ने कहा कि किसानों-आढ़तियों और कृषि पर निर्भर बहुसंख्यक लोगों की वोट से जीत कर बठिंडा से दिल्ली पहुंची बीबा हरसिमरत कौर बादल ने किसानों के हक में डटने की बजाए किसानों की छाती पर ही वजीरी वाली कुर्सी लगा ली है।
मान ने कहा कि बादलों को पंजाब और पंजाब के किसानों के साथ की इस गद्दारी की 2022 में भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।