सरदार बादल ने कहा कि मुख्यमंत्री इस केस में फरेबी भूमिका निभा रहा है
लुधियाना 4 दिसंबर (विश्व वार्ता) लुधियाना सांसद रवनीत बिट्टू को अपने दादे बेअंत सिंह द्वारा निर्दोष सिख युवाओं के कत्लेआम के लिए माफी मांगने के लिए कहा
चंडीगढ़/04दिसंबरः शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज कहा कि सिखों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए अकाली दल भाई बलवंत सिंह राजोआणा की जेल से शीघ्र रिहाई किए जाने का समर्थन करता है। इसके साथ ही उन्होने 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर क्षमादान की भावना से किनारा करने तथा इस केस में ‘ मानवीय दृष्टिकोण’ अपनाने से इंकार करते हुए दोबारा साम्प्रदायिक भावनाएं भड़काने की कोशिश करने के लिए कांग्रेस पार्टी की सख्त निंदा की।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह इस केस में फरेबी भूमिका निभा रहा है तथा बिना पैरोल के 23 साल से ज्यादा की सजा भुगत चुके भाई राजोआणा को राहत देने के रास्ते में अड़चन डाल रहा है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री ने भाई राजोआणा को राहत सुनिश्चित करने संबधी कोई कार्रवाई नही की थी, परंतु उन्होने उन चार पुलिस कर्मियों को माफी की सिफारिश करने में बड़ी फूर्ति दिखाई थी, जिन्होने 1993 में शीघ्र पदोन्नित लेने के लिए एक मासूम बेगुनाह सिख नौजवान का अपहरण करके उसका कत्ल कर दिया था।
सरदार बादल ने कहा कि मुख्यमंत्री को अपना स्टैंड स्पष्ट करना चाहिए तथा बताना चाहिए कि क्या वह भाई राजोआणा की सजा माफ किए जाने के पक्ष में है यां नही है? उन्होने कहा कि राज्य के निर्वाचित प्रमुख के तौर पर कैप्टन अमरिंदर सिंह से इस मुद्दे पर दोगुली बात करने की आशा नही की जाती है। उन्होने कहा कि सिखों के बहते घावों पर मरहम लगाने के लिए भाई राजोआणा को रिहा किए जाने के हक में उमड़ी सिख संगत को इस घटना ने परेशान कर दिया है।
अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि कांग्रेस पार्टी तथा विशेष रूप से लुधियाना सांसद रवनीत बिट्टू द्वारा इस मामले में राजनीति खेली जा रही है, जो कि राज्य की साम्प्रदायिक सदभावना को भंग करने के लिए उत्तेजक बयानबाजी कर रहा है। उन्होने कहा कि कांग्रेसी सांसद को नफरत की राजनीति करने के परिणाम के बारे में सोचना चाहिए तथा इस अवसर का इस्तेमाल अपने दादा बेअंत सिंह द्वारा निर्दोष सिख नौजवानों के किए कत्लेआम की माफी मांगने के लिए करना चाहिए। उन्होने कहा कि बेंअंत सिंह के नेतृत्व में शुरू किए सरकारी आतंकवाद के दौरान हजारों सिख नौजवानों को मार दिया गया था। एक पूरी पीढ़ी खत्म कर दी गई थी, जिससे हर क्षेत्र में पंजाब 20 साल पीछे चला गया था। उन्होने कहा कि हम अभी भी मानव निर्मित त्रासदी से पूरी तरह से बाहर नही आए हैं। अब बिट्टू पुराने रिस्ते घावों को दोबारा कुरेदना चाहता है तथा पंजाब में भाई के खिलाफ भाई को लड़वाना चाहता है।
यह टिप्पणी करते हुए अकाली दल ने सालों से भाई राजोआणा के केस की पैरवी की है, सरदार बादल ने कहा कि हम इस मामले को मानवीय हमदर्दी से विचार करने के पक्ष में हैं तथा इस बारे विभिन्न अवसरों पर केंद्र सरकार को भी बता चुके हैं। उन्होने कहा कि हम महसुस करते हैं कि इस केस में फैसला लेते समय कांग्रेस सरकार द्वारा चलाए सरकारी आतंकवाद के खिलाफ उस समय के लोगों की भडकी भावनाओं को ध्यान में रखना चाहिए। सिख पंजाब के उस गड़बड़ वाले समय से बाहर आना चाहते हैं तथा हम सोचते हैं कि भाई राजोआणा को माफ कर देने से यह उद्द्ेश्य हासिल हो जाएगा।
सरदार बादल ने कहा कि अकाली दल गृहमंत्री अमित शाह से मिलेगा तथा उन्हे भाई राजोआणा की सजा माफ करने के लिए विशेष परिस्थितियों से अवगत करवाएगा। उन्होने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि गृहमंत्री हमारे तथा सिख भाईचारे के नजरिए को समझेंगे तथा इस मामले में उचित निर्णय लेंगे।