बिक्रम सिंह मजीठिया ने मुख्यमंत्री से तीन महीनों के लिए बिजली बकाया का भुगतान स्थगित करने के लिए कहा
कहा कि सरकार द्वारा उद्योगों को अपने कर्मचारियों को वेतन देने में सक्षम करने के लिए सब्सिडी देनी चाहिए
चंडीगढ़/30मार्चः शिरोमणी अकाली दल ने आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से अनुरोध किया है कि इस संकट के समय में सभी औद्योगिक इकाईयों के पक्के बिजली खर्चे माफ करके औद्योगिक सैक्टर की सहायता करने के लिए वह व्यक्तिगत तौर पर दखल दें। इसके साथ ही मुख्यमंत्री को पुराने बिजली बकायों की अदायगी भी तीन महीने के लिए स्थगित करने के लिए कहा गया है।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए पूर्व मंत्री सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने मुख्यमंत्री से औद्योगिक इकाइयों को अपने कर्मचारियों के लिए मार्च तथा अप्रैल के दो महीनों के वेतन का प्रबंध करने के लिए सब्सिडी देने के लिए भी आग्रह किया है। उन्होने कहा कि इसके तहत् तीन महीनों के लिए उनके बिजली खर्चों को आधा किया जा सकता है। उन्होने कहा कि यह सभी कदम इसीलिए आवश्यक हैं, क्योंकि कोविड-19 महामारी ने उद्योगों के वित्तीय लेन-देन को बुरी तरह हिलाकर रख दिया है तथा वह बिजली के पक्के खर्चे यां कर्मचारियों के वेतन जैसे अन्य अतिरिक्त खर्चों का बोझ सहन करने की हालत में नही हैं।
राज्य की अर्थव्यवस्था को ओंधे मुंह गिरने से बचाने के लिए औद्योगिक सैक्टर की सहायता पर जोर देते हुए अकाली नेता ने कहा कि उद्योगपतियों को अपनी इकाइयां खुली रखने की आज्ञा देने का राज्य सरकार का ताजा निर्णय उनकी समस्याओं का समाधान नही करेगा। उन्होने कहा कि उद्योगपतियों के पास कच्चा माल नही है, जिसके कारण वह अपनी इकाइयों को अच्छी तरह चला नही पाएंगे। उन्होने कहा कि उद्योगपतियों द्वारा अन्य उत्पादन करने का कोई मतलब ही नही बनता, जबकि पुराना माल बड़ी मात्रा मंें पड़ा है, क्योंकि वस्तुओं की ढ़ुआई पूरी तरह बंद है। इसके अलावा कच्चा माल न होने के कारण यह उद्योग सिर्फ दो यां तीन दिन के लिए ही अन्य उत्पादन कर सकते हैं। उन्होने कहा कि यदि अब नई वस्तुओं का उत्पादन किया जाता है तो उनकी भी शीघ्र ब्रिकी होने की कोई संभावना नही है, जिससे व्यापारियों के पास जमा माल का भंडार ज्यादा बड़ा हो जाएगा।
सरदार मजीठिया ने मुख्यमंत्री से यह भी कहा कि वह सिर्फ उन उद्योगपतियों को अपनी इकाइयां चलाने की आज्ञा दें, जो स्वास्थ्य तथा सुरक्षा संबधी नियमों का पालन कर सकते हों। उन्होने कहा कि ज्यादातर औद्योगिक इकाइयां अपने कार्यकर्ताओं के लिए रहने की सुविधाएं उपलब्ध करवाना बहुत मुश्किल होगा। उन्होने कहा कि औद्योगिक इकाइयों को चलाते समय बड़े स्तर की साफ सफाई की आवश्यकता होती है तथा सिर्फ बड़े उद्योग ही यह सभी शर्तों को पूरा कर सकते हैं। उन्होने कहा कि बाकी उद्योगों के लिए यह बिल्कूल असंभव होगा। उन्होने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित बनाना चाहिए कि जो उद्योग अपने कर्मचारियों की सुरक्षा को सुनिश्चित बना सकते हों,उन्हे ही चलाने की अनुमति दी जाए।
अकाली नेता ने मुख्यमंत्री से औद्योगिक सैक्टर को दोबारा पैरों पर खड़ा करने के लिए एक राहत पैकेज देने का आग्रह करते हुए कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित बनाना चाहिए कि कोविड-19 महामारी उद्योगों के लिए मौत की घंटी न बन जाए। इसके साथ ही उन्होने मुख्यमंत्री से दलित उपभोक्ताओं के बिजली कनैक्शन बहाल करने का भी आग्रह किया, जिनके बिल का भुगतान न होने के कारण काट दिया गया था। उन्होने कहा कि वर्तमान संकट भरे हालातों में इन उपभोक्ताओं की परेशानियों को देखते हुए यह कनैक्शन बहाल कर देने चाहिए।