चंडीगढ़, 30 मार्च : कोरोना से लडऩे के लिए हमारे बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने, युवाओं,विद्यार्थियों और गृहणियों को कोरोना-लॉकडाउन से आ रही कठिनाइयों को लेकर राज्य सभा सांसद व हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने हरियाणा सरकार को सुझाव दिये है।
सरकार से आग्रह करती हूं कि प्रदेश के जो युवा बेरोजगार हैं, उन्हें कोरोना के खिलाफ लड़ाई में शामिल किया जाए। इससे इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में लोगों तक जल्दी मदद पहुंचाई जा सकेगी और बेरोजगार युवाओं को रोजगार भी मिल सकेगा, इसके लिए मेरे निम्नलिखित सुझाव हैं-
बेरोजग़ार युवाओं को सरकार वालंटियर्स के तौर पर फ़ील्ड में लोगों की सहायता के लिए, उनकी योग्यता के अनुसार भत्ते पर भर्ती किया जाए।
ग्रामीण और शहरी स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की आपूर्ति, सामान के वितरण व स्वास्थ्यकर्मियों की सहायता के लिए भी सरकार युवाओं का सहयोग ले।
सरकार युवाओं को इस महामारी से जागरूक करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम के तहत ग्रामीण और शहरी स्तर पर नियुक्त कर सकती है।
जो युवा इस महामारी और लॉकडाउन के चलते नौकरी खो चुके हैं। ऐसे लोगों की सूची बनाकर, उन्हें आर्थिक मदद प्रदान की जाए। गांव में रहने वाले स्नातक युवा बेरोजग़ार, जिन्होंने सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन किया है, उनका तीन माह के लिए बेरोजग़ारी भत्ता सुनिश्चित किया जाए।
कोरोना लॉकडाउन के कारण हमारे प्रदेश के विद्यार्थियों की शिक्षा भी बहुत प्रभावित हो रही है। विद्यार्थियों की मदद के लिए मेरे कुछ सुझाव हैं –
जिन विद्यार्थियों ने आने वाले समय मे एंट्रेंस एग्जाम देने हैं, उनके लिए गाइडलाइन्स जारी की जाएं। जिन विद्यार्थियों ने परीक्षा देनी थी, उनकी ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था की जाए। लॉकडाउन के चलते कई छात्रों की किताबें व अन्य सामग्री होस्टल में ही रह गयी हैं। उन्हें शिक्षा सामग्री उपलब्ध करवाई जाए।
सरकार ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पढऩे वाले विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था की है, लेकिन यह अपर्याप्त साबित हो रही है। सरकार इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू करे,जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित ना हो। प्रदेश में कक्षा 9 वीं तक के विद्यार्थियों को अगली कक्षा में दाखिला दिया जाए। 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के बारे भी योजना स्पष्ट की जाए।
वहीं कोरोना लॉकडाउन से गृहणियों को भी कई समस्याएं आ रही हैं। सरकार गृहणियों की तरफ भी ध्यान दे। इसके लिए मेरे कुछ सुझाव हैं –
सरकार गृहणियों के लिए आवश्यक खाद्य पदार्थों की होम डिलीवरी की प्रभावी ढ़ंग से व्यवस्था करे, अभी जो होम डिलीवरी की व्यवस्था है, वह प्रभावी ढ़ंग से लागू नहीं हो पा रही है और लोगों तक सामान नहीं पहुंच पा रहा है।
सरपंचों को अधिकार दिया जाए कि रोज़ाना 5000 रू जरूरतमंद गृहणियों के लिए खर्च सकें। इसके लिए सरकार अलग से भी बजट जारी कर सकती है। इसके साथ ही विधवा-दिव्यांग गृहणियों के खाते में 7500 रू डाले जाएं।
पूरे वर्ष का प्रॉपर्टी टैक्स माफ किया जाए। इसके साथ ही बिजली का तीन महीने का बिल आधा और पानी का बिल माफ किया जाए।
सरकार अगले तीन महीनों के लिए 10 किलो चावल, 10 किलो गेंहू, 2 किलो दाल प्रति व्यक्ति के हिसाब से मुफ्त प्रदान करे। सरकार अगले तीन महीने तक प्रति माह एक सिलेंडर हर परिवार को मुफ्त प्रदान करे।
लॉकडाउन की वजह से खाने पीने के सामान की कालाबाजारी भी जमकर हो रही है और सामान अधिक दर पर बेचा जा रहा है। सरकार कालाबाजारी पर रोक लगाए और उचित दरों पर लोगों को सामान उपलब्ध कराए।