- एक-दूसरे का सहारा बनना है हरियाणा की संस्कृति- हुड्डा
चंडीगढ़ 30 मार्च। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जनता के लिए एक अपील जारी की है। उन्होंने कहा है कि लॉकडाउन की वजह से प्रदेश के दिहाड़ीदार, प्रवासी, मनरेगा मजदूर, सफ़ाई कर्मचारी, छोटे कारीगर,रिक्शा वाले, ऑटो वाले, फेरी वाले और ग़रीब परिवार परेशानी झेल रहे हैं। आर्थिक शटरडाउन की वजह से उन्हें वित्तीय तंगी का सामना करना पड़ रहा है। छोटे किसान भी ऐसे ही हालात से गुज़र रहे हैं। क्योंकि बार-बार मौसम की मार और अब लॉकडाउन की वजह से खेती बर्बाद हो चुकी है। गांवों और शहरों में कई बुज़ुर्ग ऐसे हैं जिनकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है। ऐसे तमाम लोगों की मदद के लिए हम सबको आगे आना होगा। मुश्किल की इस घड़ी में सक्षम लोगों को ऐसे तमाम तबकों का सहारा बनना चाहिए। कोरोना महामारी से लड़ने के लिए मुख्यमंत्री रिलीफ फण्ड में क्षमता अनुसार दान भी देने की अपील की ।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि एक-दूसरे का सहारा बनना हरियाणा की संस्कृति रही है। आपसी सहयोग से हमने कई बार बड़ी से बड़ी मुसीबतों को मात दी है। हमें मिलकर बरसों पुरानी इस संस्कृति की लाज बचानी है। हमें साबित करना है कि आज भी हम इसे नहीं भूले हैं। हमें इंसानियत और बड़ा दिल दिखाते हुए ये सुनिश्चित करना है कोई बेघर या भूखा ना रहे।
साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार की तरफ से घोषित आर्थिक मदद जल्द से जल्द ज़रूरतमंदों तक पहुंचाने की अपील की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण सफाई कर्मचारियों और स्वास्थ्य विभाग के ठेका कर्मियों समेत कई सरकारी विभागों में ठेका कर्मचारियों को तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। सर्व कर्मचारी संघ के पत्र का ज़िक्र करते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सभी विभागों, बोर्ड, निगमों, नगर निगमों, नगर पालिकाओं, परिषदों और विश्वविद्यालयों के ठेका और पार्ट टाइम कर्मचारियों का बकाया वेतन देने की अपील की है। साथ ही बार-बार बारिश और ओलावृष्टि से नुकसान झेल रहे किसानों को भी जल्द मुआवज़ा देने की अपील दोहराई है।
उन्होंने आगे जोड़ा कि लॉकडाउन के चलते दुकानदारों ने इन्हें उधार देना भी बन्द कर दिया है। इसकी वजह से ठेका कर्मचारियों के परिवार भुखमरी की कागार पर पहुंच रहे हैं। सरकार से अपील है कि उनका बकाया वेतन जल्द दिया जाए। क्योंकि मेडिकल स्टाफ़, पुलिस और सफ़ाई कर्मचारी ही कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में हमारे सबसे बड़े योद्धा हैं। इन योद्धाओं को किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए। वेतन के साथ सफाई कर्मचारियों को कोरोना से बचने के लिए दस्ताने, सैनिटाइजर, मास्क समेत पूरी सुरक्षा किट देनी चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने ये भी कहा कि कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में सरकार अपने स्तर पर तमाम कोशिशें कर रही है। लेकिन इस लड़ाई को जीतने के लिए सामाजिक भागीदारी की भी ज़रूरत है। ये लड़ाई सिर्फ़ सरकार की नहीं, बल्कि हम सबकी है। इसलिए यूथ कांग्रेस, NSUI और टीम दीपेंद्र हेल्पलाइन चलाकर लोगों तक लगातार मदद पहुंचा रहे हैं। कांग्रेस नेता, कार्यकर्ता और विधायक इस काम में दिन-रात जुटे हुए हैं। ज़रूरत पड़ने पर सहयोग के लिए लोग सरकार के साथ उनसे भी संपर्क कर सकते हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने निजी उद्योगों और संस्थानों के मालिकों से भी अपील की है कि वो अपने कामगारों का ख़्याल रखें। शटरडाउन की वजह से हुई बंदी की अवधि में किसी की सैलेरी ना काटी जाए। उन्हें अगले महीने की एडवांस पेमेंट दी जाए। मकान मालिकों को भी चाहिए कि वो अपने किसी भी ग़रीब किराएदार से एक महीने का किराया ना ले।
हुड्डा ने कहा कि मीडिया के ज़रिए इन दिनों कालाबाज़ारी और मुनाफ़ाखोरी की ख़बरें मिल रही हैं। कई व्यापारी और दुकानदार इसे अंजाम दे रहे हैं। ऐसे लोगों से अपील है कि महामारी के इस दौर में मुनाफ़े के लिए नहीं, मानवता के लिए काम करें। इस तरीक़े से कमाया गया धन किसी का भला नहीं कर सकता। लोगों की मजबूरी को ख़ुद के लिए मौक़ा ना समझें। ये क़ानूनी और नैतिक तौर पर भी ग़लत है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रवासी मजदूरों को लेकर भी अपनी गहरी चिंता ज़ाहिर की। उन्होंने कहा कि आज लॉकडाउन के मुश्किल और ज़रूरी फ़ैसले की वजह से हज़ारों प्रवासी परिवार बेघर हो गए हैं। उनके रहने और खाने की व्यवस्था के लिए गांवों, शहरों, सरपंचों, पार्षदों और मौजिज लोगों को हाथ आगे बढ़ाना होगा। सरकार की तरफ से बताए गये दिशा-निर्देशों और एहतियात की पालना करते हुए हमें मुश्किल में फंसे परिवारों की मदद करनी होगी। ऐसे परिवार हमारी सामूहिक ज़िम्मेदारी हैं। इसलिए फौरन उनके रहने की व्यवस्था किसी चौपाल,धर्मशाला या प्रशासन से परमिशन लेकर स्कूलों में की जानी चाहिए। कोशिश कीजिए कि ज़रूरतमंद की अपने स्तर पर मदद करें, प्रशासन को इसके बारे में जानकारी दें।