चंडीगढ़, 20 दिसंबर (विश्ववार्ता, गुरप्रीत): ममता बनर्जी के इस बयान पर कि नागरिक संशोधन बिल को लेकर जनमत कराया जाना चाहिए पर पलटवार करते हुए कहा प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि क्या ममता बनर्जी को देश के लोकतंत्र की संसदीय प्रणाली में विश्वास नहीं है। विज ने कहा कि जब इस बिल को लोकसभा और राज्यसभा ने पास कर दिया और ये कानून बन गया है तो अब जनमत संग्रह कराने की क्या जरूरत है।
कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी के भाजपा के शासन काल को आपातकाल घोषित करने वाले ब्यान पर पलटवार करते हुए अनिल विज ने कहा कि सिंघवी ने शायद इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी नहीं देखी है जिसमें अभिषेक मनु सिंघवी जैसे लोगों को बोलने की इजाजत नहीं थी। विज ने कहा कि इनके जैसे लोगों को उठाकर जेल में डाल दिया गया था और 18 महीनों तक जमानत नहीं हुई थी। विज ने सिंघवी को नसीहत दी कि पहले इन्हें इमरजेंसी का इतिहास जानना चाहिए। जो कुछ कांग्रेस ने इस देश के साथ किया है उसको जाना चाहिए और उसके बाद ऐसी बात करनी चाहिए।
नागरिक संषोधन बिल को लेकर हो रहे दंगों और आगजनी को लेकर अनिल विज ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह जो हिंसा हुई है, तोडफ़ोड़ हुई है, आगजनी हुई है और जो कुछ लोग मारे गए हैं इस सब का केस विपक्ष के उन नेताओं पर दर्ज किया जाना चाहिए जिन्होंने यह दंगा भडक़ाया है। उन्होंने कहा कि उनसे इसकी सारी कीमत वसूल की जानी चाहिए। इससे आईंदा से देश में कभी भी झूठे प्रचार पर कोई आंदोलन नहीं होगा।
अनिल विज ने कहा कि यह जो नागरिकता संशोधन बिल पारित किया गया है इसके बारे में यह बिल्कुल झूठ बता रहे हैं। विज ने स्पष्ट किया कि हिंदुस्तान में किसी भी जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के लोगों पर इसका कोई प्रभाव नहीं है। यह तो केवल पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में जो अल्पसंख्यक लोग हैं। जो वहां पर प्रताडि़त किए गए और हिंदुस्तान में आकर गुमनामी की जिंदगी जी रहे हैं उनको जिंदगी देने के लिए, उनको नागरिकता देने के लिए यह बिल पारित किया गया है। यह बिल किसी के खिलाफ नहीं है। अनिल विज ने कहा कि यह जितना दंगा हो रहा है इसका कारण विपक्ष का दुष्प्रचार है और इसकी सारी रिकवरी इन्हीं से की जानी चाहिए।
ओवैसी के यह बयान देने पर की जुम्मे के बाद जितने भी मुसलमान हैं वह सडक़ों पर आ जाएं पर प्रतिक्रिया देते हुए अनिल विज ने कहा कि ऐसे सारे नेताओं के खिलाफ कार्यवाही करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज वह मोमबत्ती गैंग कहां है जो मोब लिंचिंग के लिए मोमबत्तियां लेकर निकलते थे। उन्होंने कहा कि जो पुलिस वालों को मारा जा रहा है, सामूहिक तौर पर उन्हें सडक़ों पर लिटा-लिटा कर पीटा जा रहा है। विज ने सवाल पूछा कि आज वह गैंग कहां पर है, आज वह बुद्धिजीवियों की टोली कहां पर है जो मोब लिंचिंग पर प्रश्न उठाते थे। क्या जो पुलिस अधिकारी या कर्मचारी हैं उनका कोई मानव अधिकार नहीं है। क्या उनके जीवन की रक्षा के लिए किसी को आवाज नहीं उठानी चाहिए।
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